लेखनी कविता -तान की मरोर -माखन लाल चतुर्वेदी

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तान की मरोर -माखन लाल चतुर्वेदी  तू न तान की मरोर  देख, एक साथ चल, तू न ज्ञान-गर्व-मत्त-- शोर, देख साथ चल।  सूझ की हिलोर की  हिलोरबाज़ियाँ न खोज, तू न ...

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